काश जो ढलती शाम के साथ, ढल जाते शिकवे आपस के सारे.. तब अमावस्या को भी मुस्कुराता चांद, और टीम–टीमाते आसमान में कई तारे !! ✍️ सौरभ on October 28, 2021 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps via IFTTT