तो सुनिए.. खबर ना हे कुछ सुबह की ना शाम का ठिकाना है, थक हार कर है सोना, और कल ऑफिस भी जाना हे, न बारिश में की नाव है कोई न कोई भी मौसम सुहाना हे.. अब न रोने की वजह ना हे ना ही हसने का कोई बहाना है... दुनिया तो शायद अब भी वही है लेकिन अब इसमें वो शख्स नहीं जो की मेरा दीवाना हे !!! ✍️ सौरभ


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