ये भी एक तमाशा है बाज़ार-ए-उल्फत में,

ये भी एक तमाशा है बाज़ार-ए-उल्फत में,
दिल किसी का होता है और बस किसी का चलता है.....!
वैसे भी मेने कब तुझसे ज़माने की ख़ुशी मांगी है....???
एक हल्की से मेरे लब ने हसी मांगी है......

#Poet #AapkaShayar #Love