Apni zindagi ka alag usool hain on July 19, 2016 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps अपनी जिंदगी के अलग असूल हैं, यार की खातिर तो कांटे भी कबूल हैं, हंस कर चल दूं कांच के टुकड़ों पर भी, अगर यार कहे, यह मेरे बिछाए हुए फूल हैं.